Saturday, 30 August 2025

सुरेश कांत


 व्यंग्य विधा को नया तेवर और ताजगी

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सुरेश कांत जी दूसरे व्यंग्यकारों से अलग है। वे एक अद्वितीय व्यंग्यकार हैं। वे बेबाकी से सच को बयाँ करते हैं। उन्होंने व्यंग्य को एक नई धार दी हैं। उनका व्यंग्य लेखन दिनों दिन और अधिक पैना होता जा रहा है। उन्होंने व्यंग्य विधा को नया तेवर और ताजगी प्रदान की हैं।


- दीपक गिरकर

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#पंचकाका_कहिन

सुरेश कांत का व्यंग्य संसार


● अफसर गए बिदेस

● पड़ोसियों का दर्द

● बलिहारी गुरु

● देसी मैनेजमेंट

● चुनाव मैदान में बन्दूकसिंह

● अर्थसत्य

भाषण बाबू

● मुल्ला तीन प्याजा

● कुछ अलग (2018)

● बॉस, तुसी ग्रेट हो! (2018)

● लेखक की दाढ़ी में चमचा (2020)

● सुरेश कांत चयनित व्यंग्य-रचनाएँ

● ऐसा देश है मेरा

● मूल्यों की ममी


व्यंग्य-उपन्यास

● 'ब' से बैंक (1980)

● जॉब बची सो… (2019)

● सियासत


व्यंग्यालोचन

● हिंदी गद्य लेखन में व्यंग्य और विचार

● नरेन्द्र कोहली विचार और व्यंग्य

● व्यंग्य : एक नई दृष्टि


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