------------------
निखालिस हास्य और निखालिस व्यंग्य लिखना हर किसी के वश में नहीं होता। सुभाष चंदर को पढ़ते हुए सधे कदमों से रस्सी पर चलकर अपना करतब दिखाने वाले कुशल नट का स्मरण होता रहता है और वे नट विद्या में निपुण नट माफिक व्यंग्य विधा में निष्णात व्यंग्यकार नजर आने लगते हैं जो कथ्य, शिल्प, शैली, भाषा, व्यंजना, कहन आदि के सभी स्तरों पर सधे हुए कदम रखते हुए आगे से आगे बढ़ते हुए लक्ष्य तक पहुंचते हैं।
- बुलाकी शर्मा
--------
#पंचकाका_कहिन
सुभाष चंदर का व्यंग्य-संसार
● माफ़ कीजिये श्रीमान
● इंसानियत का शो
● आइये स्वर्ग चलते हैं
● कल्लू मामा जिंदाबाद
● थोड़ा हँस ले यार
● बेबी किलर
● हद कर दी आपने
● हँसती हुई कहानियाँ
● बजरंग लल्ला की बारात
● श्रेष्ठ हास्य व्यंग्य- सुभाष चंदर
● चुनिंदा व्यंग्य- सुभाष चंदर
● गौरतलब व्यंग्य
● मेरी व्यंग्य कथाएँ
● एक भूत की असली कहानी
● कुछ हास्य - कुछ व्यंग्य
● दाने अनार के
● हँसते रहो (संस्मरणात्मक व्यंग्य-लेखन)
● शुभचिंतकों की परंपरा
व्यंग्य उपन्यास
● अक्कड़-बक्कड़
संपादन
● बीसवीं सदी की चर्चित व्यंग्य रचनाएं
● बीसवीं सदी की चर्चित हास्य रचनाएं
व्यंग्य-विधा के इतिहास की पहली पुस्तक-
● हिन्दी व्यंग्य का इतिहास

No comments:
Post a Comment