हरीश नवल का लेखन-कौशल
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संदर्भ और प्रसंग के तारतम्य को साधे रखना हरीश नवल का लेखन-कौशल है। हल्के से मारते हैं, थपका-थपका कर, बड़े प्यार से, विनोद भाव से। कहीं भी चाबुक की फटकार सुनाई नहीं देती, लेकिन चोट उससे कहीं ज़्यादा लगती है। यहां ज्ञानपीठ के न्यासी अशोक जैन के कथन को उद्धृत करना समीचीन प्रतीत होता है- 'किसी साहित्य की गहनता जानने के लिए उसकी कविता पढ़ना आवश्यक है, विस्तार और व्यापकता समझने के लिए उसका कथा साहित्य पढ़ना चाहिए और यदि हम उसका पैनापन परखना चाहते हैं तो हमें उसका व्यंग्य लेखन देखना होगा।'
- डॉ. आरती स्मित
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हरीश नवल : व्यंग्य साहित्य
1. बागपत के ख़रबूज़े/ व्यंग्य-संग्रह, भारतीय ज्ञानपीठ, 1987
2. पीली छत पर काला निशान/ व्यंग्य-संग्रह, पराग प्रकाशन, 1991
3. दिल्ली चढ़ी पहाड़/ व्यंग्य-संग्रह, शुभम प्रकाशन, 1993
4. वाया पेरिस आया गांधीवाद/ व्यंग्य-संग्रह, नवराज प्रकाशन, 2002
5. माफ़िया ज़िंदाबाद/ व्यंग्य-संग्रह, प्रभात प्रकाशन, 2018
6. अमरीकी प्याले में भारतीय चाय/ व्यंग्य-संग्रह, साहित्य संचय प्रकाशन, 2019
7. गांधी जी का चश्मा/ व्यंग्य-संग्रह, प्रलेक प्रकाशन, दिल्ली, 2021
8. बोगी नंबर 2003/ व्यंग्य-उपन्यास, प्रभात प्रकाशन, 2021
9. इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ/ डायमंड प्रकाशन, दिल्ली, 2012
10. अथ गरीब चिंतन/ व्यंग्य-कथाएँ, प्रलेक प्रकाशन, 2021
11. डॉलर भाग्य विधाता/ व्यंग्य-संग्रह, न्यू वर्ड पब्लिकेशन, 2022
12. ग़ौरतलब व्यंग्य/ संपादक: सुभाष चंदर, भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली
13. हरीश नवल : संकलित व्यंग्य/ नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली
14. दीनानाथ के हाथ/ व्यंग्य-कथाएँ, आशा प्रकाशन गृह, नई दिल्ली
15. हरीश नवल : तीस व्यंग्य रचनाएँ/ संपादक ललित्य ललित, ए.पी.एन. प्रकाशन, दिल्ली
16. कुछ व्यंग्य की कुछ व्यंग्यकारों की/ व्यंग्यालोचन, हिंदी साहित्य निकेतन, बिजनौर
17. चयनित व्यंग्य रचनाएँ/ न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन्स, 2022
18. मेरी हास्य और व्यंग्य कथाएँ (प्रेस में)

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