Saturday, 23 August 2025

व्यंग्य का बाप : हरिशंकर परसाई

बाप बड़ा विचित्र शब्द है क्योंकि यह आदरणीय होते हुए भी भाषा में उतेजना पैदा करता है। यह शब्द जिसके अभिप्राय में प्रयुक्त होता है वह जन्मदाता ही विधाता होता है। क्या कारण है कि बाप से ही बना शब्द बापू पूजनीक है। बाबू बड़ा प्यारा शब्द है और जब इसका अभिप्राय महात्मा गांधी समझा जाए तो कहना ही क्या...। पिता शब्द गरिमामय है। 

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